Women’s Day Special: छत्तीसगढ़ में अब तक हुए चार लोकसभा चुनाव में छह महिलाएं बनीं सांसद

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Women’s Day Special: छत्तीसगढ़ में अब तक हुए चार लोकसभा चुनाव में छह महिलाएं बनीं सांसद

Women’s Day Special: राज्य गठन के बाद अब तक जो महिलाएं छत्तीसगढ़ से सांसद बनीं उनमें करुणा शुक्ला, सरोज पांडेय, कमला देवी पाटले, ज्योत्सना महंत, रेणुका सिंह, गोमती साय शामिल हैं। अभी भाजपा की ओर से तीन महिलाएं चुनावी मैदान में हैं। इनमें कोरबा से सरोज पांडेय, जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगड़े और महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी चुनावी मैदान में हैं। 

2009 के लोकसभा चुनाव में 15 महिलाओं में सरोज पांडेय और कमलादेवी पाटले को ही जीत मिली थी। वर्ष 2009 और 2014 में करुणा शुक्ला चुनाव हार गईं। वर्ष 2014 में सरोज पांडेय भी चुनाव हारीं। वर्ष 2014 में सिर्फ कमला देवी पाटले सांसद बनीं। 

सरोज पांडेय : वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में सरोज पांडेय ने दुर्ग से जीत हासिल की थी। भाजपा की तेजतर्रार नेत्री सरोज पांडेय तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। उन्हें भाजपा ने कोरबा से मैंदान में उतारा है। इसके पहले सरोज दुर्ग जिले से महापौर, विधायक और सांसद रहीं। साल 2000 पहली बार और 2005 में दूसरी बार दुर्ग की महापौर बनीं। 2008 में पहली बार वैशाली नगर से विधायक बनीं। 2009 के दुर्ग संसदीय सीट से सांसद बनी। 2013 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, 2014 का लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से हारीं। इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव रहीं। 2018 में पहली बार निर्वाचित राज्यसभा सदस्य बनीं, उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू को हराया था।

कमला देवी पाटले : वर्ष 2009 और 2014 के चुनाव में लगातार दूसरी बार जांजगीर-चांपा में कमला देवी पाटले ने बतौर सांसद सिक्का जमाया। वह 31 अगस्त, 2009 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी व पर्यावरण और वन संबंधी स्थायी समिति की सदस्य बनीं। 21 जून, 2010 में वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति, महिला और बाल कल्याण संबंधी समिति की सदस्य बनीं।

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