CG Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर्व पर सुबह से शिवाालयोंं में लगा भक्तों का तांता
CG Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर्व पर सुबह से शिवाालयोंं में लगा भक्तों का तांता

CG Mahashivratri 2024: छत्तीसगढ़ के शिवालयों में महाशिवरात्रि की धूम है। विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग गरियाबंद में स्थित भूतेश्वर मंदिर, रायपुर के बूढ़ेश्वर मंदिर, हटकेश्वर मंदिर के साथ सभी शिवालयों में 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर सुबह से दर्शन और जलाभिषेक करने श्रद्धालु उमड़े।
12 घंटे तक गायत्री महामंत्रों का जाप चला
गायत्री शक्तिपीठ समता कालोनी में महाशिवरात्रि के एक दिन पहले 12 घंटे तक गायत्री महामंत्रों का जाप चला। शुक्रवार को महाशिवरात्रि की सुबह ही गायत्री माता का दस स्नान के साथ ही विशेष पूजन अर्चन, सुबह आठ बजे से भगवान महाकाल का पूजन-अर्चन के साथ रुद्राभिषेक किया जाएगा।
शुक्रवार को राजधानी से भगवान भोलेनाथ का बरात कई जगहों से निकलने वाली है। बरात में भूत-पिशाच नजर आएंगे। इसमें उज्जैन, जबलपुर, वाराणसी आदि जगहों से कलाकार शामिल होंगे। इसके अलावा हटकेश्वर महादेव, सुरेश्वर महादेव, बैजनाथ धाम, नहरेश्वर महादेव आदि प्रमुख मंदिरों में विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
देवतागण पुष्प वर्षा करते दिखेंगे। प्रबंधक ट्रस्टी विजयलक्ष्मी बोहरा ने बताया कि प्रात: 4.45 बजे भस्म आरती, पंचामृत अभिषेक की गई। सात बजे से आम भक्तगण जलाभिषेक कर रहे हैं। दोपहर 12 बजे भगवान भोलेनाथ को राजभोग अर्पित करेंगे। शाम चार बजे से भगवान भोलेनाथ के चंद्रशेखर स्वरूप के दर्शन प्रारंभ होंगे। रात्रि 12 बजे से महानिशा पूजा की जाएगी।
Mahashivratri 2024: शिवजी का पूजन करना अत्यंत श्रेष्ठ
Mahashivratri 2024: ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार प्रदोष व्यापिनी चतुर्दशी तिथि को रात्रि के समय शिवजी का पूजन करना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है। सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालु शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और जल अर्पण करके मनोवांछित फल की कामना करेंगे। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक-दूसरे के समीप होते हैं। शिव पूजन से आत्मिक शांति और मन व भावनाओं से संबंधित रोग दूर होते हैं। शिवलिंग की पूजा और जल अर्पित करने से मांगलिक दोष दूर होने और बिगड़े कार्य पूर्ण होने की मान्यता है।
Mahashivratri 2024: महिला दिवस और महाशिवरात्रि एक ही दिन
Mahashivratri 2024: इस साल आठ मार्च को महिला दिवस पर महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। शाम से लेकर पूरी रात अलग-अलग प्रहर में शिवजी का पूजन, अभिषेक किया जाएगा। इसमें निशिथ काल यानि आधी रात को शिवजी का पूजन करना श्रेष्ठ है।
बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार से 6.30 बजे पंचामृत अभिषेक व भस्म आरती के साथ महाशिवरात्रि की शुरुआत हुई। सर्वार्थसिद्धि, शिव योग और शुक्र प्रदोष व्रत के संयोग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की बरात निकाली जाएगी। भूत, प्रेत के साथ देवगण का रूप धारण कर युवा बरात में शामिल होंगे।
