भीषण गर्मी में वन्य-प्राणियों की प्यास बुझाने झिरिया निर्माण

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भीषण गर्मी में वन्य-प्राणियों की प्यास बुझाने झिरिया निर्माण

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के वन मंडल अंतर्गत वन्य प्राणियों को भीषण गर्मी में पानी के लिए भटकना न पड़े और वह भटक कर गांव की ओर प्रवेश न करें, इसके लिए जंगलों के बीच में छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर झिरिया बनाए गए हैं, जहां टैंकर के माध्यम से पानी भी भरे जा रहे हैं।

उपवन मंडल अधिकारी डिंपी बैस ने बताया कि भीषण गर्मी में वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण को देखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है, ताकि वन्य प्राणियों को भीषण गर्मी में पानी मिल सके। उप वन मंडल अधिकारी डिंपी बैस ने बताया कि वनों के सुधार के अंतर्गत वन्यप्राणियों के लिए झिरिया बनाया गया, जिसमें बालोद परिक्षेत्र में बालोद सर्कल बरही, कन्नेवाडा क्षेत्र में कुल 21 झिरिया गुरूर परिक्षेत्र में पुरूर, गुरूर, बढ़भूम सर्कल (ओनाकोना, सोहतरा, मंगचुवा, बढ़भूम) में कुल झिरिया 24 का निर्माण किया गया। उन्होंने बताया कि यह वो जगह हैं,

जहां पर पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है। अब जानवरों को राहत मिलने लगी है। वन विभाग की माने तो वन्यप्राणियों के लिए बनाए गए इस झिरिया में वृत्ताकार/चौकोर/आयताकार में मिट्टी हटाकर प्लास्टिक की शीट बिछाई जाती है। उसके बाहरी क्षेत्र को मिट्टी से ढक दिया जाता है। उसमें साफ पानी टैंकर से डाला गया है, ताकि पानी भूमि में रिस मत जाए। वहीं बराबर रोजाना इन गड्ढों में ट्रैक्टर टैंकर के माध्यम से पानी डाला जा रहा है।

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