शराब घोटाला केस,टुटेजा पिता-पुत्र को राहत: सरकार ने जवाब के लिए मांगा दो हफ्ते का वक्त

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शराब घोटाला केस,टुटेजा पिता-पुत्र को राहत: सरकार ने जवाब के लिए मांगा दो हफ्ते का वक्त

छत्तीसगढ़ में 6 हजार करोड़ के शराब घोटाला केस में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है। जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बेंच ने EOW की FIR पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वहीं सरकार ने जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

 छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के कार्यकाल में शराब घोटाला मामला सामने आया था। ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले में कार्रवाई की। जांच में पाया कि, राज्य सरकार की सरकारी दुकानों से ही नकली होलोग्राम वाली शराब बेची गई।

ED के अनुसार, इस घोटाले में अनवर ढेबर ने आबकारी अफसर अरुण पति त्रिपाठी के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह संचालित किया। इसके प्रभाव के आगे पूरा सरकारी तंत्र (आबकारी विभाग) बेबस था। ED की कार्रवाई में अनवर ढेबर और और भूपेश सरकार में प्रभावशाली अधिकारी अनिल टुटेजा से मिलीभगत होने का भी दावा किया गया है।

ED जब केस में आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की, तब कई अधिकारी और बड़े लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।बिलासपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। इनमें भाटिया डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, IAS निरंजन दास और कारोबारी अनवर ढेबर के 12 से ज्यादा ठिकाने शामिल थे।

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