छत्तीसगढ़ में PM-किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा
छत्तीसगढ़ में PM-किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा

छत्तीसगढ़ News: जिनके खाते में रकम गई, उनमें ज्यादातर पश्चिम बंगाल के मुस्लिम जिला मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर बेरला ब्लॉक में बारगांव हैं। यहां रहने वाले किसान नरेंद्र वर्मा भाजपा के जिला महामंत्री भी हैं। वह बताते हैं कि PM किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों से संपर्क अभियान चलाने के लिए वे च्वॉइस सेंटर पहुंचे।
उन्होंने बताया कि इस लिस्ट में ज्यादातर नाम मुस्लिम समुदाय के किसानों के थे। ऐसे में गांव के ही रहले वाले शेख सरफुद्दीन और ईशुब बेग को बुलाया गया। उन्होंने भी लिस्ट में लिखे नामों की पुष्टि नहीं की। इससे पता चला कि लिस्ट में दर्ज करीब 854 नाम फर्जी किसानों के हैं।
पीढ़ियां निकल गईं, लेकिन लिस्ट में शामिल मुस्लिमों को नहीं देखा
शेख सरफुद्दीन कहते हैं कि, इसी गांव में रहते हुई उनकी ये तीसरी पीढ़ी है। लिस्ट में शामिल 19 मुस्लिम किसान गांव के ही हैं, लेकिन बाकी के 656 मुस्लिम नामों में से वे किसी एक को भी नहीं जानते। सरफुद्दीन भी हैरान हैं कि आखिर इतने मुस्लिमों के नाम आए कहां से? अब तक सरकारी अधिकारियों ने इसका वैरिफिकेशन क्यों नहीं किया?
लिस्ट के मिलान के दौरान पता चला कि इन फर्जी किसानों की लिस्ट में 198 नाम बंगाली सरनेम वाले हैं। गांव के समीर कुमार वर्मा बताते हैं कि लिस्ट में मुस्लिम नामों के अलावा राय, दास, सरकार, विश्वास जैसे सरनेम भी मिले, जबकि गांव में केवल एक ही बंगाली परिवार है। वह भी कुछ साल पहले ही आकर बसा है और उनके नाम पर गांव में कोई जमीन नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तौर पर हर साल किसानों को 6 हजार रुपए मिलते हैं। ऐसे में लिस्ट में शामिल 854 फर्जी किसानों को सालाना 51 लाख 24 हजार रुपए मिल रहे हैं। ये योजना 2019 से शुरू हुई, तब से 2 करोड़ 56 लाख से ज्यादा की राशि इनके खातों में जा चुकी होगी।
छत्तीसगढ़ में बेमेतरा जिले के बारगांव में 854 ऐसे किसान हैं, जिन्हें वहां रहने वाले ग्रामीण ही नहीं जानते। न तो इस गांव में इन किसानों के कोई मकान है और न ही कोई जमीन है।
