ग्लूकोमा छीन लेता है आंखों की रोशनी:सूख जाती हैं आंखों की नसें, आंखें लाल रहें, सिरदर्द हो तो सावधान
ग्लूकोमा छीन लेता है आंखों की रोशनी:सूख जाती हैं आंखों की नसें, आंखें लाल रहें, सिरदर्द हो तो सावधान

ग्लूकोमा के बारे में आज भी लोग जागरूक नहीं है। यही वजह है कि हर साल 12 मार्च को वर्ल्ड ग्लूकोमा डे और वर्ल्ड ग्लूकोमा वीक मनाया जाता है।
ग्लूकोमा रिसर्च फाउंडेशन के मुताबिक, “भारत में 1 करोड़ से ज्यादा लोग और दुनियाभर में 8 करोड़ से ज्यादा लोग ग्लूकोमा के शिकार हैं।”
ग्लूकोमा आंखों की रोशनी जाने का सबसे बड़ा कारण है। जरूरत की खबर में आज आंखों की बीमारी ग्लूकोमा के बारे में जानेंगे। साथ ही एक्सपर्ट्स से ये भी जानेंगे कि-
- ग्लूकोमा क्या होता है और क्यों होता है?
- इसके क्या लक्षण होते हैं? कैसे पहचाना जाए?
- किस उम्र के लोगों को इस बीमारी का ज्यादा खतरा रहता है?
- ग्लूकोमा से आंखों को बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
ये आंखें ही हैं, जो दुनिया से हमें रूबरू कराती हैं। आंखें हमें दुनिया को देखने और परखने में हमारी मदद करती हैं। कई बार किन्ही वजह से हमारी आंखों की रोशनी दिन-ब-दिन कम होने लगती है। जिससे देखने में परेशानी होने लगती है। उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होना तो एक आम वजह है। लेकिन कुछ ऐसी भी बीमारियां हैं, जिनकी वजह से हमारी आंखों पर बुरा असर होता है। ग्लूकोमा, इन्ही में से एक है।
